लम्बा लम्बा घूंघट Lamba Lamba Ghunghat Song Lyrics | Harjeet Deewana | Komal Choudhary | Ajay Hooda

About this song इस गीत के बोल हरियाणवी ग्रामीण परिवेश में महिलाओं की पारंपरिक व सामाजिक मजबूरियों पर आधारित हैं, खासकर घूंघट प्रथा के संदर्भ में। गीत की मुख्य पात्र एक शिक्षित युवती है, जो गांव के रिवाजों के कारण लंबा घूंघट करने की बाध्यता का विरोध करती है। गीत में युवती कहती है कि वह पढ़ी-लिखी है और इस तरह घुट-घुट कर जीना नहीं चाहती, लेकिन गांव की परंपराओं के कारण उसे लंबा घूंघट करना पड़ेगा। गीत में पुरुष पात्र समझाता है कि यह गांव की मजबूरी है, क्योंकि गांव में घूंघट को बहुत जरूरी माना जाता है। वह यह भी कहता है कि सास-ससुर इसका विरोध करेंगे, इसलिए उसे यह रिवाज निभाना ही पड़ेगा। गीत में मजाकिया अंदाज में यह भी कहा गया है कि हरियाणा के पारंपरिक पहनावे और जीवनशैली में लंदन जैसी आधुनिकता की अपेक्षा नहीं की जा सकती। अंत में, युवती कहती है कि वह इस परंपरा को नहीं मानना चाहती, लेकिन बुजुर्गों की इच्छाओं और सामाजिक दबाव के आगे उसे घूंघट करना ही पड़ेगा। कुल मिलाकर, गीत में आधुनिकता और परंपरा के बीच टकराव को एक हास्यपूर्ण और व्यंग्यात्मक तरीके से प्रस्तुत किया गया है।| This H...